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राजनीति में यह बदलाव होना चाहिए !


यदि हम भारत की राजनीति की बात करें तो आज भारत के नेताओं में नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं है सभी पार्टियां आदर्शता कि बात करती है पर पालन नहीं करती हैं । देखा जाए तो राजनीति का स्तर इतना नीचे गिर चुका है कि कोई किसी को कुछ भी कर सकता है मायावती ने अमित शाह को सबसे बड़ा आतंकी कहा तो भाजपा के लोग भी आगे आकर आतंकवादी का नाम लेकर राजनीति कर रहे हैं । 

ऐसी बात कह कर राजनीति का फायदा ले रहे हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । भारत की राजनीति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर प्रधानमंत्री तक को गाली दी जा रही हैं । इसमें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है आम जनता का हैं। क्योंकि लोग एक दूसरे की बुराई बता रहे हैं न कि अपनी अच्छाई  कौन गलत यह बता रहे हैं इस विचार को अच्छा नहीं कह सकते है क्योंकि अच्छाई को छोड़कर बुराई को आधार बनाना ही गलत है । हो सकता है कि आम जनता इस बात को ना समझ सके कि हमारा नुकसान क्या है और हमारा फायदा क्या है तो समाज जो तमाम संस्था है जो अपने को एक समाज-सेवा के सेवा के लिए प्रस्तुत करते हैं उनका कर्तव्य बनता है क्या लोगों को सही गलत के बारे में बिना भेदभाव के बताएं । जिससे लोगों में जागरुकता आएगी और भारत आदर्श स्थिति की ओर आ सकता है।  किसी ने ठीक ही कहा है कि तब तक भारत में आदर्श स्थिति नहीं आएगी जब तक लोगों की न्यूनतम आवश्यकताओ की पूर्ति नहीं हो जाती है। 

यदि लोगो की न्यूनतम आवश्यकताओ की पूर्ती नही हो पाती तो वोटों की खरीद - फरोख नहीं रोकी जा सकती हैं जिससे बहुबली व अपराधिक छवि के के लोग पैसे या ताकत के बल पर चुनाव जीतते रहेंगे जो भारत व यहां की जनता के लिए अच्छा नही होगा।

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