अपराधियों को प्रत्याशी बनाए जाने की होड़-अजीत चौधरी
देश में एक तरफ सभी पार्टियां चुनाव प्रक्रिया में सुधार की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ राजनीति के अपराधीकरण में कमी आती नहीं दिख रही है बल्कि और ज्यादा अपराध हो रहे हैं हर बार चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल में अपराधियों को प्रत्याशी बनाए जाने की होड़ रहती है, इससे कोई भी पार्टी अछूता नहीं है। सार्वजनिक मंच से ऐसा करने से इंकार करने वाले राजनीतिक दल भी आखरी मौके पर दबाव के आगे आदर्श भुला बैठते हैं और अपराधियों को टिकट देने से चूकते नहीं है ।
यह पार्टियों का दोहरा मापदंड राजनीति को निचले स्तर तक ले जाता है जिससे समाज में बुराई का प्रचलन तेजी से होता है । देश के विकास और राजनीति की स्वच्छता के लिए यह जरूरी है कि आपराधिक छवि के लोगों को राजनीतिक पार्टी अपना प्रत्याशी ना बनाएं जिससे पार्टी का सम्मान बढ़ेगा लोगों को पार्टी के प्रति विश्वास भी होगा जिसका फायदा पार्टी को अवश्य मिलेगा । अगर राजनीतिक दल ऐसा करते हैं तो मतदाताओं में जागरूकता भी आएगी जिससे भारत का भविष्य बेहतर होगा।
यदि इन तमाम पहलुओं पर पार्टी अमल नहीं करती मतदाताओं के हाथ में अवसर हैं ऐसे प्रत्याशी को नकार कर उन्हें सियासी गलियारे से बाहर करने को तैयार रहें जिससे अपराधिक छवि के लोग को निराशा हाथ लगेगी और एक अच्छे प्रत्याशी का चुनाव हो सकेगा।
अजीत कुमार चौधरी
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