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नरेन्द्र मोदी के जीवन का संघर्ष

     मोदी जी स्वतन्त्र भारत के १५वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे
 प्रथम व्यक्ति हैं।
                          "डरते तो है जो अपनी छवि के लिए मरते हैं 
                        मैं तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूं"
                              'इसलिए किसी से नहीं डरता हूं'
नरेंद्र मोदी  का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी था उनकी माता का नाम हीराबेन मोदी है उनका जन्म एक कच्चे मकान में हुआ था इनके परिवार बहुत ही गरीब था अपने पिता के 6 संतान में तीसरे नम्बर के हैं वह अपने पिता की मदद करने के लिए ट्रेनों में चाय बेचा करते थे लेकिन उनके अंदर देश भक्ति कूट-कूट कर भरी थी । उनके टीचर बताते हैं यह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे पढ़ाई के अलावा नाटक,भाषण और खेलकूद में इनकी ज्यादा रुचि थी । 13 साल की उम्र में इनकी शादी यशोदा बेन चमनलाल के साथ हो गया लेकिन उन्होंने 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया । कुछ लोग यह कहते हैं कि यह शादी के बाद पत्नी के साथ रहे थे,लेकिन उनका जीवनी लिखने वाले यह नही मानते हैं। कुछ दिन बाद घर वापस आये और  1971 में RSS में उनकी मेहनत और लगन देखकर उनको प्रचारक बना दिया गया उसके बाद वह पुरे गुजरात में घूमकर RSS का प्रचार किए और जब 1975 में जब देश में आपातकाल लगा उस समय भी प्रचारक के रुप में पूरे गुजरात में घूम-घूमकर प्रचार किया और सरकार के गलत निति का विरोध किया उसी समय उन्होंने एक किताब लिखी जिसका नाम था "संघर्ष मा गुजरात" 2001 नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री पद के लिए उतारा गया 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने गुजरात में चौतरफा विकास कर के गुजरात को पूरे भारत के सबसे अच्छे राज्य में शामिल कर दिया और वह सबसे अच्छे मुख्यमंत्री बने । आज गुजरात का विकास किसी से छुपा नहीं हैं । 2002 में इनका नाम गोधरा कांड से जोड़ा गया लेकिन बाद में इसमें इन को क्लीन चिट मिल गयी । इनको काम को देखते हुए वहां की जनता ने उनको लगातार चार बार मुख्यमंत्री बनाया उनकी छवि को देखते हुए भाजपा के बड़े नेताओं ने 2014 में इनको प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया पूरे देश में घूम करके उन्होंने भाजपा का प्रचार किया अपने विचारों को रखा इसमें सोशल मीडिया का भी योगदान था चुनाव के बाद उनको पूर्ण बहुमत की सरकार मिली में जो देश के 15वें प्रधानमंत्री बने । उनके बारे में कहा जाता है कि वह आज भी 18 घंटा कार्य करते हैं और वह शुद्ध शाकाहारी हैं नवरात्र व्रत रखते हैं विश्व के शक्तिशाली पुरुषों में इनका नाम शामिल  हैं। 

                 "वह अक्सर एक बात कहते हैं मेरे पास                      
कुछ नहीं में पास सिर्फ माँ का आशीर्वाद                               और जनता का प्यार हैं।"

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