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उत्तर प्रदेश के बटवारे का सही समय !


उत्तर प्रदेश चुनाव में सभी पार्टी ने पूरे दमखम से प्रचार किया है और अब वोटिंग खत्म हो चुका है आपने देखा होगा सभी पार्टियां जनता से बेहतर सेवा का वादा किया है लेकिन उत्तर प्रदेश का विकास का रास्ता इसकी बटवारे के बिना संभव नहीं है ! यदि आपको याद हो तो 2012 के चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती जी ने कहा था कि यदि बसपा  की सरकार बनती है तो    उत्तर प्रदेश का बंटवारा 4 सूबों में : पूर्वांचल ,बुंदेलखंड ,अवध प्रदेश, और पश्चिमी प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव किया था।  यह बात अलग है कि चुनाव में बसपा को बहुत बुरी तरह से मात मिली थी । आज UP का हाल "हाथी के ऊपर बैठी दूसरी हाथी की तरह " जो चलने में असमर्थ है । लेकिन इसका बटवारा कर के चार बाघ बनया जा सकता है जो उस हाथी से बहुत तेज  चल सकते हैं। आज देखा जाए तो छोटे राज्यों में ज्यादा तेजी से  विकास हो रहा हैं। चीन जैसे बड़े देशो में भी सबसे बड़े राज्य में सिर्फ लगभग 10 करोड़ लोग रहते हैं जो कि उत्तर प्रदेश से आधा ही है । पिछले कुछ हफ्तों के चुनाव प्रचार में बसपा प्रमुख ने बटवारे के विचार को फिर से लोगों के बीच में रखा है  
 लेकिन इस मुद्दे को सिर्फ कुछ जगह कहना अच्छा नहीं सभी लोग चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का बटवारा हो लेकिन खुल कर इस मुद्दे पर कोई नही बोल रहा हैं लेकिन इस बंटवारे से किसी को कोई नाराजगी नहीं होनी चाहिए! क्योंकि कांग्रेस व भाजपा छोटे राज्यो की वकालत पहले से करते रहे हैं। बसपा ने पहले ही अपना विचार रखा है । सिर्फ सपा ने अभी तक कुछ नही कहां हैं  लेकिन  बटवारे का फायदा सपा को होगा! क्योंकि एक बड़ी हाथी रखने से अच्छा है कि चार तेज बाघ रखा जाए जो राजनीति में फायदेमंद साबित होगा।और प्रदेश की जनता का विकास तेजी से होगा "जिस प्रकार कलम किया हुआ पौधा जल्द ही फल देने लगता हैं" उसी प्रकार छोटे -छोटे सूबो में होने का बाद तेजी से अपना विकास कर सकेंगे। प्रधानमंत्री जी ने पहले हैं कहां हैं कि भारत का विकास तब तक नही हो सकता जब तक UP का विकास नही होगा।  

अब सरकार जिसकी भी बने पहला कार्य प्रदेश का बटवारा होना चाहिए  अब इससे अच्छा समय इस कार्य के लिए नही हो सकता हैं! क्योंकि आज प्रदेश का बटवारा करने के पक्ष सभी राजनीतिक पार्टीयां हैं। इसका बटवारा अवश्य होना चाहिए जिससे यहां की जनता को बेहतर सेवा मिल सके खासकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड को जो आज विकास के लिए जूझ रही हैं।  सभी राजनीतिक पार्टीयां का  आखरी उद्देश्य भी तो यही  होता कि वहां की जनता को बेहतर सेवा मिलें।

दोस्तों यदि आप इस विचार से सहमत हैं तो शेयर कर सकते हैं और कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखे आप सभी लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद!

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