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हमारी कविता


दोस्त मैं अजीत कुमार चौधरी   हूं और मैं हिंदी भाषा का प्रेमी हूं जब मैं 10 साल का था तब से मेरी मन कविता पढ़ने में लगने लगा और मैं अक्सर कविता पढ़ने लगा, लेकिन कुछ दिन बाद लोगों के कहने पर कविता पढ़ना छोड़ दिया लेकिन मैं कभी कभी कविता पढ़ लेता था । जब मैं 15 साल का हुआ तो मुझे एक बार फिर कविता में मजा आने लगा और मैं ज्यादातर कविताएं  पढ़ना लगा था । उसी साल में मैं  लिखना शुरु कर दिया था जिसे मैं खुद ही पढ़ता और बहुत ही खुश होता उसी बीच मेरी पढ़ाई जारी रही देखते ही देखते मैंने 100 से ज्यादा कविता लिख डाली और मुझे खुद विश्वास नहीं होता था कि यह कविता मैंने लिखि हैं। मैंने कई बार इस कविता को पेपरों में छपवाने की कोशिश की लेकिन मैं सफल नहीं हुआ तब कुछ कविता को मैंने Facebook पर डाला जिससे हमें अच्छे कमेंट प्राप्त हुए,लेकिन मुझे Facebook पर कविता पोस्ट करना अच्छा नहीं लगा क्योंकि लोग वहां मनोरंजन के लिए पोस्ट को लाइक कर देते थे तब मैं एक फेसबुक वाले दोस्त से पूछा  कि मैं जो कविता डाला था वह कैसा लगा तो उसका जवाब सुनकर मैं हैरान हो गाया उसने का मैं तो उसे पढ़ा ही नही आपको बता दूं उसने उस कमेंट किए थे (good, great) लिखा था बिना पढ़े तब मुझे बहुत दुख हुआ facebook पर पोस्ट करना छोड़ दिया लोगों से संपर्क किया लेकिन किसी ने मौका नही दिया तो मैंने सोचा क्यों ना हम कविता लिखना ही बंद कर दे। कुछ दिन तक मैंने कोई कविता नहीं लिखा लेकिन कविता के प्रति मेरी रुझान ज्यादा थी इसलिए मैंने फिर कविता लिखना शुरु कर दिया यह  सोच कर की कोई कविता पढ़े या न पढ़ें मैं उसे मैं खुद ही पढता और प्रसन्न होता । ब्लॉगर से जुड़ने के बाद हमें लगा कि एक अच्छा जगह है जहां अपनी कविता लिख सकते हैं तो मैंने ले  निर्णय लिया है कि एक- एक करके सभी कविता आप लोग के सामने रखूंगा हमें पूरा विश्वास है कि आपको यह जरुर पसंद आएगा और आप लोगों का प्यार और स्नेह के साथ  सुझाव मिलता रहेगा ।
   !!आप सभी लोगों का धन्यवाद!!

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